वर्ल्ड कप में विकेटकीपर बल्लेबाज की समस्या अभी भी नही सुलझ रही, राहुल ईशान संजू को खेलना चाहिए नीचे

By admin



अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट और फ्रेंचाइजी क्रिकेट में तमाम अंतर हैं. इसमें एक बड़ा अंतर खिलाड़ी के रोल को लेकर भी है. ये जरूरी नहीं है कि एक खिलाड़ी अपनी अंतर्राष्ट्रीय टीम में जो रोल निभाता है वही फ्रेंचाइजी क्रिकेट में भी करे. उदाहरण के लिए विराट कोहली को लीजिए. वो रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए ओपनिंग कर रहे हैं जबकि भारतीय टीम में वो नंबर-तीन पर खेलते हैं. अब यूं तो ये बहुत मामूली सा बदलाव लगता है लेकिन किसी क्रिकेटर से या कोच से पूछिए तो वो समझाएगा कि ओपनिंग करने और नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने में कितना बड़ा फर्क होता है. दोनों ‘स्पेशलाइज्ड’ किस्म का काम है. दोनों का ‘माइंडसेट’ भी अलग ही होता है. खैर, विराट कोहली तो फिर भी ‘एडजस्ट’ कर लेते हैं क्योंकि उन्हें अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का लंबा तजुर्बा है. उन पर टीम से ‘ड्रॉप’ किए जाने का खतरा नहीं रहता. लेकिन किसी नए खिलाड़ी के साथ अगर ऐसा होता है तो उसके दबाव में कई गुने की बढ़ोत्तरी तय है.

आईपीएल के इस सीजन को टी20 वर्ल्ड कप के चश्मे से देखा जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि ये बात हर कोई जानता है कि टी20 वर्ल्ड कप के लिए जो टीम चुनी जाएगी उसमें आईपीएल के प्रदर्शन का बड़ा ‘वेटेज’ होगा. अब आते हैं असली मुद्दे पर. टी20 वर्ल्ड कप के लिए आईपीएल के जरिए जिन सवालों का जवाब खोजा जा रहा है उसमें पहले नंबर का सवाल है- विकेटकीपर कौन? यानी टी20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का विकेटकीपर कौन होगा? इस सवाल का जवाब भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा, कोच राहुल द्रविड़ और चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर को खोजना है.

कौन-कौन से नाम पर चल रहा है विचार
अब सबसे पहले ये जान लेते हैं कि टी20 वर्ल्ड कप के विकेटकीपर की रेस में कौन-कौन से खिलाड़ी हैं. इस रेस में ईशान किशन, केएल राहुल, संजू सैमसन, जीतेश शर्मा, ऋषभ पंत और ध्रुव जुरेल शामिल हैं. यानी पूरे आधा दर्जन खिलाड़ी हैं जो विकेटकीपर की रेस में हैं. ईशान किशन मुंबई इंडियंस के लिए खेल रहे हैं. केएल राहुल लखनऊ सुपरजाएंट्स, संजू सैमसन राजस्थान रॉयल्स और ऋषभ पंत दिल्ली कैपिटल्स की कप्तानी कर रहे हैं. जीतेश शर्मा पंजाब किंग्स और ध्रुव जुरेल राजस्थान रॉयल्स के लिए खेल रहे हैं.

अब लगे हाथ फ्रेंचाइजी क्रिकेट में इन दावेदारों का रोल भी जान लीजिए. ईशान किशन मुंबई के लिए ओपनिंग करते हैं. केएल राहुल लखनऊ सुपरजाएंटस के लिए ओपनिंग करते हैं. संजू सैमसन नंबर तीन पर बल्लेबाजी करते हैं. ऋषभ पंत, जीतेश शर्मा और ध्रुव जुरेल मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी कर रहे हैं. अब आईपीएल से बाहर निकलकर टीम इंडिया की तरफ बढ़िए. पेंच यहीं से शुरू होता है क्योंकि भारतीय टीम के नजरिए से बात आते ही पहला सवाल ये उठता है कि क्या इन सभी विकल्पों को भारतीय टीम में भी यही रोल मिलेगा? इसका जवाब बिल्कुल सीधा है- नहीं. फिर दूसरा सवाल ये होगा कि क्या इन्हें नए रोल में ढलने के लिए वक्त मिलेगा? इस सवाल का भी जवाब है- नहीं.

इसके बड़े खतरे को भी समझ लीजिए
अब इसकी पेचीदगी को भी समझिए. विकेटकीपिंग के लिए उपलब्ध सभी विकल्पों के प्रदर्शन पर गौर कीजिए. इस वक्त ईशान किशन, ऋषभ पंत और संजू सैमसन अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. संजू सैमसन अब तक 4 मैच में 178 रन बना चुके हैं. इसमें 2 अर्धशतक शामिल हैं. उनकी स्ट्राइक रेट भी 150 से ज्यादा की है. लेकिन क्या संजू सैमसन को भारतीय टीम में नंबर-3 पर बल्लेबाजी का मौका मिल सकता है, जवाब है नहीं- क्योंकि वो जगह विराट कोहली की है.



ऋषभ पंत ने 5 मैच में करीब 155 की स्ट्राइक रेट से 153 रन बनाए हैं. क्या भारतीय टीम के बैटिंग ऑर्डर में आप उन्हें प्रमोट कर सकते हैं? जवाब है- संभावना ना के बराबर है. क्योंकि भारतीय टीम का बैटिंग ऑर्डर लगभग ‘फिक्स’ या सेट है. केएल राहुल भी एक दावेदार हैं. लेकिन उनकी फॉर्म और फिटनेस दोनों प्रभावशाली नहीं है. अभी तक उनके खाते में 4 मैच से 126 रन ही हैं. स्ट्राइक रेट सिर्फ 128.57 की है.

जुरेल-जितेश को मौका नहीं मिल रहा
ध्रुव जुरेल और जितेश शर्मा को ज्यादा बल्लेबाजी का मौका ही मिल पा रहा है. ध्रुव ने अब तक चार मैच में कुल 27 गेंद खेली है. जिसमें उन्होंने 42 रन बनाए हैं. जितेश शर्मा को आईपीएल के पहले तक इस रेस में काफी आगे देखा जा रहा था. वो मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करते हैं. लेकिन उनकी फॉर्म अभी तक औसत दिखी है. उन्होंने 4 मैच में कुल 58 रन बनाए हैं. उनकी स्ट्राइक रेट भी 126 के करीब ही है.

इकलौते खिलाड़ी ईशान किशन हैं जो सलामी बल्लेबाज का रोल टीम इंडिया में भी निभा सकते हैं. लेकिन उनके ‘बिहेवियर’ को लेकर परेशानी है. और उनकी फॉर्म भी औसत ही है. अब तक उन्होंने 4 मैच में 92 रन बनाए हैं. हां, उनकी स्ट्राइक रेट 170 से ज्यादा की जरूर है. यानी अब मुद्दा ये है कि आईपीएल में किसी एक पोजीशन पर जो विकेटकीपर-बल्लेबाज के तौर पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं उन्हें आप भारतीय टीम में उस पोजीशन पर खिला नहीं सकते. जिन्हें आईपीएल वाली पोजीशन पर ही टीम इंडिया में खिलाया जा सकता है उनकी फॉर्म अच्छी नहीं है.

हो सकता है कि कोई आपको ये तर्क दे कि दोनों टूर्नामेंट के बीच का समय जरूरी बदलाव करने में मदद करेगा, तो इस तर्क को देने वाले को सिर्फ इतना बता दीजिएगा कि आईपीएल में और टी20 वर्ल्ड कप में सिर्फ हफ्ते भर का समय होगा. और अगर जो विकल्प उपलब्ध हैं उनमें से किसी की टीम प्लेऑफ में पहुंची तो फिर उसके लिए समय का मामला और ‘टाइट’ हो जाएगा.


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